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तो इसलिए अपने नाम से ‘ख़ान’ सरनेम हटा दिया था इरफ़ान ने

हॉलीवुड और बॉलीवुड की फिल्मों से लेकर टीवी सीरियल्स, थिएटर, वेब-सीरीज़ और वीडियो गेम्स तक हर उम्र और वर्ग के दर्शकों पर छा जाने वाले इरफ़ान ख़ान ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में अपने नाम 'इरफ़ान' के आगे से सरनेम 'ख़ान' हटा दिया था

Vivek Shukla

नई दिल्ली: हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक की सैकड़ों फिल्मों से लेकर दर्जनों टीवी सीरियल्स, थिएटर, वेब-सीरीज़ और वीडियो गेम्स तक हर उम्र और वर्ग के दर्शकों पर छा जाने वाले इरफ़ान ख़ान ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में अपने नाम 'इरफ़ान' के आगे से सरनेम 'ख़ान' हटा दिया था. जी हां, मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री बॉ़लीवुड में जहां हर कलाकार अपने सरनेम के वज़न का फायदा उठाने की पूरी कोशिश करता है, वहीं इरफान ने अपने नाम के बाद का खान हटा दिया था. इरफान दरअसल अपने करियर की शुरूआत में पूरे नाम इरफान खान की जगह सिर्फ इरफान नाम ही लिखते थे. दरअसल इसके पीछे की वजह भी उतनी ही दिलचस्प है. साल 2012 में हॉलीवुड की मशहूर फिल्म द अमेज़िंग स्पाइडरमैन का हिस्सा बनने के बाद दिए एक बयान में इरफान ने ये राज़ खोला था. "दरअसल साल 2001-02 के आसपास शुरू किए अपने फिल्मी करियर के आगाज़ में ही मैंने ये तय कर लिया था कि मैं अपने काम से अपना नाम बनाऊंगा ना कि अपने सरनेम के प्रभाव का इस्तेमाल करके". तब 46 वर्ष की आयु में ही हॉलीवुड में अपने अभिनय का झंडा गाड़ चुके इरफ़ान ने कहा था कि मैं अपने कर्म की ताकत में यकीन रखता हूं ना कि अपने सरनेम की ताकत में.

दुनिया भर से आए शोक-संदेश

बीते कुछ समय से न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से लड़ रहे एक्टर इरफ़ान ख़ान ने बुधवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांस ली. 53 वर्षीय इरफान की मृत्यु पर पीएम मोदी से लेकर हॉलीवुड-बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने शोक संदेश जारी किया. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि इरफान खान के निधन से सिनेमा और थियेटर जगत को बड़ी क्षति हुई है. अलग-अलग माध्यमों में उनके शानदार काम के लिए उन्हें याद किया जाएगा. उनके परिवार, दोस्त और चाहने वालों को वह सांत्वना देते हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.

बिल्लू बार्बर में इरफान के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके शाहरुख खान ने इरफान की याद में लिखा कि मेरे दोस्त, प्रेरक और हमारे वक्त के शानदार अभिनेता. अल्लाह आपकी आत्मा पर कृपा करे इरफान भाई. आपको हमेशा मिस करेंगे और इस बात की तसल्ली रहेगी कि आप हमारी जिंदगी का हिस्सा थे.

इरफान करीब तीन साल तक इस भयानक बीमारी से जंग लड़ते रहे. जाते-जाते उन्होंने कहा कि ज़िंदगी को पहली बार चख रहा हूं. पूर्व क्रिकेटर और कैंसर सर्वाइवर युवराज सिंह ने लिखा कि इस बीमारी के दर्द को मैं अच्छी तरह पहचानता हूं.

इरफान का अंतिम संस्कार मुंबई के वर्सोवा के कब्रिस्तान में हुआ. लॉकडाउन की वजह से उनकी अंतिम यात्रा में किसी भी बड़ी सेलेब्रिटी को जाने की इज़ाजत नहीं मिली. सिर्फ 20 लोग ही उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए हैं. इसमें उनके परिवार वाले और करीबी लोग ही शामिल हुए जिनमें विशाल भारद्वाज और तिग्मांशु धूलिया शामिल थे.

ये था इरफान खान का अंतिम संदेश

इरफान की मृत्यु के बाद परिवार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में इरफान के आखिरी शब्द थे। उन्होंने लिखा "मुझे यकीन है कि मैं सरेंडर कर चुका हूं. ये कुछ शब्द हैं, जो इरफ़ान ने 2018 में अपने कैंसर से लड़ने की शुरुआत में कहे थे. यह बहुत दुख देने वाला है कि हमें उनके ना रहने की ख़बर को आगे लाना पड़ रहा है. इरफ़ान एक बहुत ही मजबूत व्यक्ति थे, जो अपनी आखिरी सांस तक लड़े और उन सभी को प्रेरित किया, जो उनके पास आया. जब उन्हें 2018 में कैंसर जैसी न्यूज़ का झटका लगा, तब उन्होंने उसके साथ आने वाली हर लड़ाई को लड़ा"

इसमें आगे लिखा गया है, "इरफ़ान अपने प्यार और परिवार से घिरे रहते थे, एक सच्ची अपनी खु़द की सच्ची विरासत पीछे छोड़कर जा रहे हैं. हम सब यह प्रार्थना और आशा करते हैं कि उन्हें शांति मिले. अपने शब्दों पर रहते हुए, जो उन्होंने आखिरी में कहे थे. ऐसा कि जैसे कि ज़िंदगी को पहली बार चख रहा हूं, यह उसका चमत्कारी भाग है".

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