सूत्रों के मुताबिक सरकार की दलील है कि वीडियो आम जनता में आक्रोश पैदा करने वाले हैं PSUWatch
हिन्दी न्यूज़

मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो हटाएंः सोशल मीडिया कंपनियों से सरकार

सरकार ने ट्विटर, फेसबुक समेत अन्य सारी सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो जो कई लोगों द्वारा बिना धुंधला किए भी शेयर किया जा रहा है, उसे हटाएं

पीएसयू वॉच हिंदी

नई दिल्लीः सरकार ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से मणिपुर की दो महिलाओं की नग्न परेड का वीडियो हटाने के लिए कहा है, क्योंकि मामले की जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक वीडियो आम जनता में आक्रोश पैदा करने वाले थे और चूंकि मामले की जांच चल रही है, इसलिए ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से वीडियो हटाने के लिए कहा गया है.

इसके साथ ही कई यूजर्स के द्वारा वो वीडियो बिना धुंधला किए भी शेयर किया जा रहा है जो कि गैरकानूनी भी है.

मणिपुर का व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो जिसमें पुरुषों के एक समूह को दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हुए दिखाया गया है, ने आक्रोश पैदा कर दिया है.

इस बीच, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि उन्होंने 4 मई के उस वीडियो पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है, जिसमें राज्य में कुछ पुरुषों द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है. ईरानी ने इस घटना को "निंदनीय और सर्वथा अमानवीय" बताया.

केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "मणिपुर से आया दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और पूरी तरह से अमानवीय है. सीएम एन बीरेन सिंह जी से बात की, जिन्होंने मुझे सूचित किया है कि जांच अभी चल रही है और आश्वासन दिया है कि कोई प्रयास नहीं किया जाएगा." अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए बख्शा जाए."

करीब ढाई महीने पहले 4 मई का एक वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद मणिपुर की पहाड़ियों में तनाव बढ़ गया, जिसमें एक युद्धरत समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ पुरुषों द्वारा नग्न परेड करते हुए दिखाया गया है, साथ ही उन महिलाओं के साथ बेहद अमानवीय व्यवहार करते हुए देखा जा रहा है.

मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से तुरंत और सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है.

यह वीडियो उन महिलाओं की दुर्दशा को उजागर करने के लिए गुरुवार को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा घोषित एक नियोजित विरोध मार्च की पूर्व संध्या पर प्रसारित हो रहा था. पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

आपको बता दें मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है. हांलाकि उन्होंने बयान देकर ये कहा है कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें फांसी की सज़ा पर भी विचार संभव है.

(PSU Watch– पीएसयू वॉच भारत से संचालित होने वाला  डिजिटल बिज़नेस न्यूज़ स्टेशन  है जो मुख्यतौर पर सार्वजनिक उद्यम, सरकार, ब्यूरॉक्रेसी, रक्षा-उत्पादन और लोक-नीति से जुड़े घटनाक्रम पर निगाह रखता है. टेलीग्राम पर हमारे चैनल से जुड़ने के लिए Join PSU Watch Channel पर क्लिक करें. ट्विटर पर फॉलो करने के लिए Twitter Click Here क्लिक करें)

Critical minerals seen as 'future pillar' of Australia-India partnership: Trade official

Nand Kumarum (IAS) gets tenure extension as MD & CEO of Digital India Corporation

NTPC Q2 net profit grows 3% to Rs 5,225 crore

Nasscom, UIDAI partner to empower DeepTech startups in digital identity innovation

MoUs worth over Rs 12 lakh crore signed at India Maritime Week: Sonowal