क्या है ये वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बुधवार को दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूर, किसान और रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले कामगारों के लिए 9 बड़े ऐलान किए
वन नेशन-वन राशन कार्ड पूरे देश में मान्य होगा, आपका पता, जिला या फिर राज्य भी बदले तो भी राशन कार्ड नहीं बदलेगा
नई दिल्ली: गुरूवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ब्योरा देश के सामने पेश किया. किया. इस दौरान उन्होंने किसानों, प्रवासी मजदूरों और रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले कामगारों के लिए 9 बड़े ऐलान किए. उनके पूरे संवाददाता सम्मेलन का बड़ा हाईलाइट रहा कि देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा. वित्त मंत्री ने बताया कि वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना फिलहाल सार्वजनिक वितरण से जुड़ी 83 फीसदी आबादी को कवर करेगी. फिलहाल देश की कुल PDS आबादी के 83 फीसदी हिस्से तक इस योजना की पहुंच है. सीतारमन ने कहा कि मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी. यहां आपको बता दें कि पहले वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को 1 जनू 2020 से देशभर में लागू करने की बात कही जा रही थी.
वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना
वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना मोबाइल कंपनियों द्वारा दी जाने वाली मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा की ही तरह है. जैसे अलग-अलग राज्यों में जाने के लिए आपको अलग मोबाइल नंबर नहीं लेना पड़ता, ठीक उसी तरह अब यदि आपका पता बदलता है, जिला बदलता है या फिर राज्य भी बदल जाता है, तो भी आप उसी राशन कार्ड पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन पाने के हकदार होंगे. वन नेशन-वन राशन कार्ड के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे भ्रष्टाचार और फर्जी राशन कार्ड में कमी आएगी. कुलमिलाकर आपको राशन मिलने में किसी भी तरह से राज्य की सीमा या उससे जुड़े नियमों का बंधन नहीं होगा.
फिलहाल 83 फीसदी जनता तक पहुंच चुका है वन नेशन-वन राशन कार्ड
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है. इसे लागू करने वालों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य भी शामिल हैं.