नई दिल्ली-मुम्बई: भारत के लोगों को भले ही इसका कोई फायदा ना मिला हो लेकिन ऐसे भी दिन थे जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कोई पूछ नहीं थी. जब दाम गिरे सरकार ने टैक्स में इज़ाफा कर दिया और अब जबकि फिर से क्रूड ऑयल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गए हैं तो कोई सुनने वाला नहीं. बीते तीन हफ्तों में पेट्रोल की कीमत में 2.6 रुपये और डीजल में 3.4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है और अब जबकि क्रूड ऑयल भी कोरोना के बाद नई ऊंचाई छूने को तैयार है तो पेट्रोल डीजल के दाम हाल-फिलहाल कम होने के भी आसार नहीं हैं.
बाजार के जानकार कहते हैं कि कोरोना वैक्सीन की खबर का क्रूड ऑयल की कीमतों पर सकारात्मक असर हुआ है. इस संभावना को बल मिला है कि ईंधन की मांग अब विश्व में बढ़ेगी. लिहाज़ा क्रूड अब और आगे भागेगा. भारत में भी अब पेट्रोल डीजल की मांग में इज़ाफा हो रहा है. हाल ही में पीएसयू वॉच ने बताया था कि इंडियन ऑयल रिफाइनरी में तेल का शोधन अब 100 प्रतिशत क्षमता तक पहुंच गया है जो बाजार में बढ़ी हुई मांग को रेखांकित करता है. बाकी तेल कंपनियों की रिफाइनरी भी अब पूरी क्षमता के साथ काम कर रही हैं. जानकारों का मानना है कि दिसंबर तक भारतीय बाजार में तेल की मांग प्री-कोविड स्तर पर पहुंच सकती है.
रविवार को दिल्ली में पेट्रोल के प्रतिलीटर दाम 83.71 रुपए प्रति लीटर थे. दिल्ली में आजतक पेट्रोल की अधिकतम कीमत 84 रूपए प्रतिलीटर दर्ज की गयी थी. डीजल 73.87 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई में रविवार को पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमशः 90.34 रुपये और 80.51 रुपये प्रति लीटर रहे.
राजनीतिक नेतृत्व की बात करें तो देश भर में कहीं से किसी भी तरह के विरोध के स्वर नहीं सुनाई दे रहे हैं. हां, ट्विटर पर जरूर लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों पर सरकार को ट्रोल कर रहे हैं.
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