नई दिल्ली: 3 मई को खत्म होने वाले लॉकडाउन के बाद हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध में कुछ बहाली देखने को मिलेगी. सिर्फ ग्रीन ज़ोन वाले राज्यों में ही हवाई सेवाएं बहाल करने पर विचार किया जा रहा है. हांलाकि बदले हुए माहौल में एयरपोर्ट्स भी बदले हुए होंगे. लॉकडाउन के बाद एयरपोर्ट्स के इस्तेमाल को लेकर जारी हुई एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की नयी गाइडलाइंस के मुताबिक फिलहाल एयरपोर्ट के सिर्फ एक ही टर्मिनल का इस्तेमाल किया जाएगा. "यह मानकर चला जा रहा है कि कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन-2 के हटने के बाद शुरुआत में बड़े (मेट्रो अथवा टिअर-1) शहरों, कुछ राज्यों की राजधानियों और कुछ प्रमुख टिअर-2 शहरों के लिए उड़ान सेवाएं बहाल होंगी" अथॉरिटी द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया.
बीते करीब डेढ़ महीने के लॉकडाउन का देश में जिन औद्योगिक क्षेत्रों और सेवाओं पर सबसे बुरा असर पड़ा है, एयरलाइन इंडस्ट्री उनमें से एक है. बहरहाल, अब जबकि हवाई सेवाएं आंशिक रूप से खोली जाएंगी तो उनका स्वरूप भी काफी बदला हुआ होगा.
गाइडलाइंस में एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ने कहा है कि अगर किसी एयरपोर्ट के पास कई टर्मिनल हैं तो भी हवाई सेवाएं शुरू करने के शुरुआती दिनों में केवल एक टर्मिनल का उपयोग ही किया जाना चाहिए. हवाईसेवा का उपयोग करने के लिए पहले भी यात्रियों को डेढ़ से तीन घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना पड़ता था। अब इस समय में और भी इज़ाफा हो सकता है। अथॉरिटी ने आगे कहा कि अगर एयरपोर्ट पर यात्रियों के सामान उन तक पहुंचाने के कई सुविधाएं हैं तो इनका इस्तेमाल बीच में एक-एक को छोड़कर किया जाना चाहिए ताकि लोगों के बीच परस्पर दूरी रह सके. इसके अलावा जब तक उड़ान सेवाओं का संचालन धीरे-धीरे न बढ़े, तब तक एयरपोर्ट पर मौजूद अतिरिक्त सुविधाएं, खाने-पीने के रेस्त्रां और रीटेल स्टोर सीमित संख्या में ही खुलने चाहिए. इतना ही नहीं, एयरपोर्ट पर स्थित रेस्त्रां और पब में शराब तभी परोसी जानी चाहिये, जब संबंधित राज्य सरकार इसकी अनुमति दें.
आपको बता दें कि विमानन कंपनियों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी आईएटीए ने हवाई सफर करने वाले यात्रियों के मार्च 2020 के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक भारत में हवाई यात्रियों की संख्या मार्च 2020 में साल भर पहले की तुलना में 11.8 प्रतिशत कम हो गई है. इसी दौरान वैश्विक स्तर पर विमानन यात्रियों की संख्या में 52.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई. आईएटीए ने कहा, "पूरी दुनिया में सिर्फ दो देश, रूस और भारत के ही घरेलू आंकड़े वैश्विक गिरावट से अलग हैं. मार्च महीने में सालाना आधार पर रूस में विमानन यात्रियों की संख्या में मात्र 15.4 प्रतिशत की और भारत में मात्र 11.8 प्रतिशत की गिरावट आई है."