बीएसएनएल को 22 करोड़ का चूना लगाने वाले 21 कर्मचारियों पर सीबीआई का शिकंजा

सीबीआई ने बीएसएनएल के 21 कर्मचारियों के खिलाफ एनओएफएन बिछाने में एक ठेकेदार के साथ साजिश रचने और पीएसयू को 22 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है
CBI books 21 BSNL employees, contractor for causing loss of Rs 22 crore
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गुवाहाटी/नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सरकारी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 21 कर्मचारियों के खिलाफ एक ठेकेदार के साथ साजिश करने और पीएसयू को 22 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है. मामले में बुक किए गए लोगों में बीएसएनएल जोरहाट, सिबसागर और गुवाहाटी के पूर्व महाप्रबंधक (जीएम), उप महाप्रबंधक (डीजीएम), अतिरिक्त महाप्रबंधक (एजीएम), मुख्य लेखा अधिकारी (सीएओ) शामिल हैं. सीबीआई ने कहा कि बीएसएनएल असम सर्किल से मिली शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है.

सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर

प्राथमिकी के अनुसार, 2013 से 2018 के बीच संदिग्ध आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार के लिए बीएसएनएल के 21 कर्मचारियों और ठेकेदार के विरूद्ध आईपीसी की धारा 120 बी और 420 और पीसी अधिनियम- 1988 के 13(2) आर/डब्ल्यू 13(1)(डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ठेकेदार और बीएसएनएल कर्मचारियों की मिली-भगत

सीबीआई ने दावा किया है कि कर्मचारियों ने ठेकेदार और अन्य लोगों के साथ मिलकर बीएसएनएल को धोखा दिया. जांच एजेंसी ने बताया कि टेंडर के ज़रिए ठेकेदार रंजीत दत्ता को पहले 90 हजार रुपये प्रति किलोमीटर की दर से ओपन ट्रेंचिंग पद्धति से नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क केबल बिछाने का कार्य आदेश दिया गया था. लेकिन बाद में ठेकेदार ने 2,30,000 रुपये/किमी की दर से खुली ट्रेंचिंग विधि को क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग (एचडीडी) विधि में परिवर्तित करवा लिया. बीएसएनएल के इन कर्मचारियों ने अप्रूवल दिलाने में ठेकेदार की मदद की. ठेकेदार रंजीत दत्ता ने इसके लिए निजी भूमि के मालिक से रास्ते का कोई अधिकार आदि सहित विभिन्न दलीलें दीं जिस पर बीएसएनएल के तत्कालीन प्रबंधन ने अपनी सहमति भी दे दी. यह अनुबंध में राइट ऑफ वे, ईजमेंट क्लॉज के प्रावधान के बावजूद है. सीबीआई ने कहा कि ठेकेदार ने टेंडर क्लॉज का उल्लंघन किया और बीएसएनएल को 22 करोड़ रुपये (लगभग) का नुकसान पहुंचाया.

बीएसएनएल के असम सर्कल के जोरहाट एसएसए में राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) के तहत ऑप्टिकल फाइबर बिछाने में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई गुवाहाटी की एसीबी शाखा को अगस्त 2021 में बीएसएनएल के असम सर्कल से शिकायत मिली थी. विचाराधीन ठेकेदार रंजीत दत्ता और उनकी फर्में, मेसर्स रंजीत दत्ता और मेसर्स एआरपीईई ओवरसीज हैं. प्राथमिकी के अनुसार, केबल बिछाने का अधिकांश कार्य एक फर्म, मैसर्स रंजीत दत्ता या ARPEE ओवरसीज फर्म द्वारा किया गया था, जो दत्ता द्वारा संचालित भी है.

क्या है एनओएफएन परियोजना NOFN –National Optical Fiber Network?

एनओएफएन परियोजना का उद्देश्य देश में ग्राम पंचायतों (जीपी) को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गति की इंटरनेट सेवाएं प्रदान की जा सकें.

सीबीआई ने कहा है कि शुक्रवार यानी 16 जून को असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और हरियाणा आदि राज्यों में आरोपियों के कार्यालयों और आवासीय परिसरों सहित 25 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक लेख बरामद हुए हैं. मामले की जांच जारी है.

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