
अजमेर/जयपुर: (PSUWatch Hindi) 2019 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी गिरधर (IAS) और आईपीएस अधिकारी सुशील कुमार बिश्नोई (IPS) को बीते मंगलवार को गहलोत सरकार ने निलंबित कर दिया. 11 जून को अजमेर में हुई झगड़े की एक घटना के बाद से जिले में राजपूत समुदाय के सदस्यों में खासा रोष था. आखिरकार सरकार ने दोनों नवनियुक्त आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला किया. हांलाकि घटना के बाद हुई एफआईआर में ना तो गिरधर (IAS) का नाम है और ना ही सुशील कुमार बिश्नोई (IPS) का. निलंबन से पहले गिरधर अजमेर विकास प्राधिकरण में आयुक्त के तौर पर तैनात किया गया था और बिश्नोई गंगापुर सिटी पुलिस में विशेष कार्य अधिकारी थे.
मामला अजमेर जिले में हाई-वे पर स्थित होटल मकराना राज में रात के दो बजे तक आईपीएस अधिकारी सुशील कुमार बिश्नोई अपने साथियों के साथ महफिल जमा रखी थी. उनके साथ गिरधर बेनीवाल भी थे. करीब दो बजे किसी बात को लेकर होटल कर्मियों के साथ उनका विवाद हो गया जिसके बाद दोनों अधिकारी वहां से चले गए. कुछ देर बाद दोनों पुलिस कर्मियों के साथ लौटे और होटल में उपस्थित कर्मचारियों की जमकर पिटाई की. पीड़ित होटल कर्मचारियों का कहना है कि पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में होटल के कर्मचारियों को मारने के लिए अधिकारियों ने हॉकी स्टिक और लाठियों का इस्तेमाल किया. 11 जून की कथित घटना के बारे में बताते हुए, होटल के कर्मचारियों ने कहा कि जब तक इस घटना पर ध्यान नहीं दिया गया और पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की, तब तक उन्हें भी नहीं पता था कि दोनों अधिकारी कौन थे.
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई है जिसमें रविवार 11-12 जून दरम्यानी रात हुए झगड़े में दो अधिकारी और होटल के कर्मचारी आपस में मारपीट करते दिख रहे हैं. इस घटना को लेकर गेगल थाने के एएसआई रूपा राम और सिपाही मुकेश यादव को भी निलंबित कर दिया गया है. घटना की जांच कर रहे राज्य सतर्कता विभाग के साथ, खाद्य और नागरिक आपूर्ति प्रताप सिंह खाचरियावास ने दो अधिकारियों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि "नव नियुक्त आईएएस-आईपीएस" अधिकारियों को कानून अपने हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है.
एफआईआर आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 341 (गलत संयम की सजा) और 143 (गैरकानूनी विधानसभा) के तहत दर्ज की गयी है जिसमें किसी भी आरोपी का नाम नहीं है.
बीकानेर के रामपुरा में रहने वाले आईपीएस अधिकारी सुशील कुमार बिश्नोई पहले उत्तराखंड में कृषि वैज्ञानिक थे. उनके पिता गणपतराम आरएसी में हवलदार थे. 2018 में उन्हें तीसरे प्रयास में जाकर यूपीएससी में सफलता मिला तब वो आईपीएस बने. इस बीच 2019 में एक युवती ने जोधपुर के देवनगर थाने में शिकायत दी कि उसकी सगाई 2017 में ही सुशील कुमार बिश्नोई से हो चुकी है. 2018 में सिविल सर्विसेस की तैयारी के दौरान जब सुशील जोधपुर आया तो उसने पीड़िता के साथ बलात्कार किया. इसी दौरान आईपीएस बनने के बाद सुशील ने 2019 में पीड़िता से सगाई तोड़ने का मैसेज भेज दिया. पुलिस ने आरोपी आईपीएस के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करने साथ ही 40 ग्राम सोना और करीब आठ लाख रुपए हड़पने का आरोप भी लगाया. हांलाकि बाद में मामला रफा-दफा हो गया और पुलिस एफ-आर भी लगा दी थी.
आपको बता दें कि 2020 में प्रशिक्षण के दौरान बिहार की रहने वाली एक युवती ने भी सुशील पर रेप का केस दर्ज करवाया था. युवती की ओर से दिल्ली के रंजीत नगर थाने में 14 दिसंबर 2020 को केस दर्ज करवाया गया था जिसकी जांच क्राइम ब्रांच ने की थी. इस केस में भी बाद में एफ-आर यानी फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी थी.
गिरधर बेनीवाल (IAS) ने 2018 में 61वीं रैंक हासिल की थी जिसके बाद उन्हें आईएएस के लिए चयनित किया गया था.
यहां इस बात का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि "रहो धर्म में धीर, रहो कर्म में वीर, रखो उन्नत शिर – डरो ना..." ये लाइनें आईएएस प्रशिक्षु उस समय गुनगुनाते हैं जब मसूरी-स्थित आईएएस अधिकारियों की ट्रेनिंग एकेडमी लबसना (LBSNAA) में इनका प्रशिक्षण चल रहा होता है.
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