
नई दिल्ली: (सहारा इंडिया पेमेंट न्यूज़) कहते हैं भगवान के घर देर है मगर अंधेर नहीं है. सहारा इंडिया के निवेशकों पर भी यह कहावत लगभग सही बैठती है अगर अब भी सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए उनके पैसे वापस आ गए तो. बहरहाल, सरकार ने भरोसा दिया है कि मोदी सरकार उन निवेशकों की जमा राशि को लौटाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिन्होंने सुब्रत रॉय सहारा की सहारा इंडिया योजनाओं में पैसे निवेश किए थे.
सोमवार रात करीब 11 बजे ट्विवटर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि "सहारा की cooperative societies में जिन लोगों के कई सालों से रुपये फँसे हुए थे, उनके लिए कल एक विशेष दिन है। मोदी सरकार उन निवेशकों की जमा राशि को लौटाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसके अंतर्गत कल “सहारा रिफंड पोर्टल” का शुभारंभ होगा".
ट्वीट के अगले हिस्से में अमित शाह ने कहा कि "प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की कटिबद्धता से उन सभी लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें अपनी मेहनत की कमाई वापस आने का इंतज़ार है".
मंगलवार सुबह 11:00 बजे अटल ऊर्जा भवन में इस पोर्टल की शुरुआत होगी. पोर्टल के जरिए सहारा के उन निवेशकों के पैसे वापस दिए जाएंगे जिनके निवेश की अवधि यानी समय सीमा पूरी हो चुकी है.
सहारा इंडिया की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज की योजनाओं में करीब 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के निवेशक हैं. लंबे समय तक सहारा इंडिया से पैसे वापसी की बेनतीजा लड़ाई लड़ने के बाद निवेशकों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक सहारा इंडिया की इन 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही कर सकेंगे आवेदन. जिनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के निवेशक शामिल हैं.
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों या निवेशकों-जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था. इसी साल मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए 'सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट' से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं.
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