WAPCOS के पूर्व सीएमडी के पास मिली रक़म बढ़कर 38 करोड़ हुई

बुधवार को सीबीआई द्वारा सर्च ऑपरेशन के तहत जब्त नकदी की जब गिनती की गई तो वो रकम करीब 38 करोड़ 38 लाख रुपए की जानकारी सामने आई
WAPCOS के पूर्व सीएमडी के पास मिली रक़म बढ़कर 38 करोड़ हुई
WAPCOS के पूर्व सीएमडी के पास मिली रक़म बढ़कर 38 करोड़ हुई
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नई दिल्ली: केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया) लिमिटेड (WAPCOS) के पूर्व सीएमडी राजेंद्र कुमार गुप्ता को जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार (CBI arrested former CMD of WAPCOS) कर लिया गया है।

इस मामले में सीबीआई ने राजेंद्र कुमार के बेटे गौरव सिंघल को भी गिरफ्तार किया है। इन दोनों की गिरफ्तारी की मुख्य वजह गलत तरीके से  आय से अधिक  (Disproportionate Assets Case) अर्जित करने का आरोप है। लिहाजा इसी मामले में दो मई मंगलवार को 19 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। उसी सर्च ऑपरेशन के पहले दिन में ही करीब 20 करोड़ रूपये जब्त किया गया । उसके बाद बुधवार को भी सीबीआई द्वारा सर्च ऑपरेशन के तहत जब्त नकदी की जब गिनती की गई तो वो रकम करीब 38 करोड़ 38 लाख रुपए की जानकारी सामने आई।

सर्च ऑपरेशन के दौरान जब भारी मात्रा में नकदी को देखा तो जांच एजेंसी के अधिकारियों के भी आंख खुले रह गए, क्योंकि सर्च ऑपरेशन के दौरान पूर्व सीएमडी के आवास सहित अन्य लोकेशन से करीब 38 करोड़ 38 लाख रुपए रुपये की नकदी सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूतों को जब्त किया गया है। सीबीआई मुख्यालय में कार्यरत अधिकारी के मुताबिक वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया) के पूर्व सीएमडी (Water and Power Consultancy Services (India) Limited (WAPCOS) का नाम राजेन्द्र कुमार गुप्ता है, जिसके खिलाफ जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण सबूत मिले है।

जांच के दौरान ये पाया गया है की वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया ) के पूर्व सीएमडी राजेन्द्र कुमार ने अपने सर्विस काल के दौरान एक अप्रैल 2011 से लेकर  31 मार्च  2019 के दौरान अपने आय से कई गुणा अधिक संपत्तियों को बनाया।  जो अब जांच एजेंसी के रडार पर है। वाटर और पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज (इंडिया) की अगर बात करें तो यह केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत (Undertaking under Ministry of Jal Shakti) आता है।

जांच एजेंसी के अधिकारी के मुताबिक आरोपी राजेन्द्र कुमार गुप्ता अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी को ज्वाइन करके कंस्लटेंसी का काम कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने काफी चल -अचल संपत्तियों को गलत तरीके से अर्जित किया। जांच एजेंसी के तफ्तीश कर्ता को दिल्ली, गुरुग्राम,पंचकूला, चंडीगढ़, सोनीपत में आरोपी और उसके परिजनों से संबंधित कई बेनामी संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और प्रॉपर्टी के दस्तावेजों को जब्त किया है, जिसकी जांच जारी है।

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