जानिए क्या है एमएनआरई का ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म

21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अधिकारी और कर्मचारी ई-ऑफिस प्‍लेटफॉर्म के जरिये घर से काम कर रहे
जानिए क्या है एमएनआरई का ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म

नई दिल्ली: अब एक ऐसी खबर जिससे बाकी के सरकारी विभाग, पीएसयू और मंत्रालय भी काफी कुछ सीख सकते हैं। केंद्र सरकार का नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ई-ऑफिस के माध्यम से घर से काम कर रहा है। 21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनज़र फाइलें और नोटिंग को ऑनलाइन निपटाने के अलावा, समीक्षा बैठकें भी वी़डियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए की जा रही हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कल और आज सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कीं, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि एमएनआरई इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए भंडारण सहित नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन, हाइब्रिड) की खरीद के लिए समान संयुक्त दिशा-निर्देश जारी करेगा और क्षेत्र नई निविदाएं लाता रहेगा ताकि निवेशक अपने निवेश की योजना बना सकें। इन बैठकों के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि एसईसीआई और एनटीपीसी को 5000- 5000 मेगावाट क्षमता के दो आरई पार्क स्थापित करने के लिए राजस्थान सरकार के साथ तत्‍काल समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए। यह व्यवस्था राजस्थान के जैसलमेर में प्रस्तावित 25000 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा आरई पार्क के पहले चरण को लक्ष्य बनाकर की गई है। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय और गुजरात सरकार के साथ परामर्श कर खवाड़ा, गुजरात में 25000 मेगावाट का आरई पार्क स्थापित करने की रूपरेखा को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। आईआरईडीए के पूंजीकरण के विभिन्न विकल्पों पर भी चर्चा की गई। एमएनआरई ने गुजरात के सूर्य मंदिर नगर, मोढेरा के पूर्ण सोलराइजेशन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार ने गुजरात के मेहसाणा जिले में मोढेरा के सूर्य-मंदिर शहर के सोलराइजेशन की प्रधानमंत्री की संकल्‍पना को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक योजना शुरू की है। इस योजना में करीब 65 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मोढेरा में 6 मेगावाट सौर पीवी बिजली संयंत्र, 15 मेगावाट घंटा बैटरी भंडारण, छत पर सौर पीवी प्रणाली, स्मार्ट मीटर, सौर ईवी चार्जिंग स्टेशन जैसे अक्षय ऊर्जा प्रतिष्ठानों की स्थापना करने की योजना है। इसके लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई) मंत्रालय के जरिये भारत सरकार से 50% तक केन्‍द्रीय वित्तीय सहायता (अधिकतम 32.50 करोड़ रूपये) प्राप्‍त होगी और शेष 50% राशि गुजरात सरकार से प्राप्‍त होगी। यह योजना सौर ऊर्जा से मोढेरा के सभी परिवारों की घरेलू और कृषि बिजली की जरूरतों को पूरा करेगी, जिससे एक गांव या कस्बे के लिए पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलने वाली प्रारंभिक प्रतिपादन परियोजना की स्थापना की जाएगी। सरकार गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीपीसीएल) के माध्यम से प्रस्तावित प्रतिष्ठानों के लिए निविदा पहले ही शुरू कर चुकी है और इस परियोजना को इस वर्ष दिसंबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना का कार्यान्वयन गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीपीसीएल) द्वारा किया जाएगा।

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