नई दिल्ली: भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कुल 8 पब्लिक सेक्टर यूनिट्स को नए सिरे से चालू करने, विलय या फिर रीस्ट्रक्चर करने संबंधी निर्णय को मंजूरी दे दी है. जावड़ेकर ने शनिवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इन 8 लोक उद्यमों के नाम भी बताए. इन उद्यमों में ब्रम्हपुत्र वैली फ़र्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान स्टीलवर्क कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, रिचर्डसन एंड क्रूडास लिमिडेट (Richardson & Cruddas Ltd), नेपा लिमिटेड (NEPA Ltd), हुगली प्रिंटिंग कंपनी लिमिटेड, कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एमटीएनएल और बीएसएनएल शामिल हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि इन 8 लोक उद्यमों को जीवनदान देने के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ फ़र्टिलाइज़र्स भी फ़र्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. (FCIL) के चार बंद पड़े प्लांट्स चालू करने जा रही है. एफसीआईएल के इन चार प्लांटों में तलचर फर्टिलाइज़र प्लांट, रामागुंडम फर्टिलाइज़र प्लांट, सिंदरी फर्टिलाइज़र प्लांट और गोरखपुर स्थित प्लांट शामिल हैं. इसी तरह हिंदुस्तान फ़र्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HFCL) के बरौनी, बिहार स्थित अमोनिया-यूरिया प्लांट को भी फिर से शुरू किया जा रहा है जिसकी सालाना क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन की है.
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डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (DPE) ने इन लोक उद्यमों के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए "revival and restructuring of sick/ incipient sick and weak Central Public Sector Enterprises (CPSEs): General Principles and Mechanism of Restructuring" संबंधी दिशा-निर्देश 29 अक्टूबर 2015 को जारी किए थे. इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिस मंत्रालय के अधीन ये पीएसयू आते हैं, उन पर ही इन्हें फिर से शुरू करने, विलय करने या फिर इनके पुनर्संरचना यानी रीस्ट्रक्चरिंग की जिम्मेदारी है.
आपको बता दें कि इसी साल मई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस कर लोक उद्यमों के रीस्ट्रक्चरिंग संबंधी योजना की जानकारी दी थी जिससे जुड़ी प्रक्रिया फिलहाल चालू है. पीएसयू विलय की इस व्यापक योजना के तहत सरकार का कहना है कि इन लोक उद्यमों का बड़े पैमाने पर विलय और विनिवेश किया जाएगा. हर रणनीतिक क्षेत्र में लोक उद्यमों की संख्या 3-4 से अधिक नहीं होगी.
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