नया श्रम कानून: 1 अक्टूबर से होंगे आपकी नौकरी और सैलरी में कई बदलाव

सरकारी सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी जल्दी ही चारों लेबर कोड अमल में लाने का आदेश दे सकते हैं जिसके बाद आप के नौकरी करने के घंटे औऱ सैलरी में कई बदलाव होने मुमकिन हैं
नया श्रम कानून: 1 अक्टूबर से होंगे आपकी नौकरी और सैलरी में कई बदलाव

नई दिल्ली: मोदी सरकार जल्द ही चारों लेबर कोड लागू करने का प्रावधान कर सकती है. माना जा रहा है कि इसे 1 अक्टूबर तक अमल में लाया जा सकता है. इन लेबर कोड्स का आपके नौकरी करने के तरीकों और आपकी सैलरी पर भी प्रभाव पड़ सकता है. अब तक की जानकारी के मुताबिक चारों लेबर कोड एक बार में ही लागू किए जाएंगे. जानकारों का मानना है कि इन नियमों के लागू होने के बाद टेक होम सैलरी कम हो जाएगी और प्रोविडेंट फंड की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी.

जब ये कोड लागू हो जाएंगे तो बेसिक पे और प्रोविडेंट फंड की गणना करने के तरीके बदल जाएंगे. बता दें कि मंत्रालय ने चारों कोड के तहत नियम तय कर लिए थे लेकिन इन्हें लागू नहीं किया जा सका क्योंकि श्रम का मामला समवर्ती सूची में आता है. अगर यह नियम लागू होता है तो ऑफिस का टाइम भी बढ़ जाएगा क्योंकि नए श्रम कानून में अधिकतम 12 घंटे काम करने का प्रस्ताव रखा गया है. ओएसएच कोड के प्रस्तावित नियमों के मुताबिक 15 से 30 मिनट तक के अतिरिक्त काम को गिनकर इसे ओवरटाइम में शामिल करने का प्रस्ताव है. अगर अभी की बात करें तो 30 मिनट से कम के काम को ओवरटाइम में नहीं गिना जाता है. इन प्रस्तावित नियमों में यह भी है कि किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम न लिया जाए. हर पांच घंटे में आधे घंटे का रेस्ट अनिवार्य है.

कैसे पड़ेगा सैलरी पर असर?

नए प्रस्तावित नियमों के मुताबिक मूल वेतन कुल वेतना का 50 फीसदी या ज्यादा होना चाहिए. ऐसे में वेतन की पूरी संरचना बदल जाएगी. अब तक वेतन में भत्तों का हिस्सा अधिक हुआ करता था. मूल वेतन बढ़ने के बाद पीएफ भी बढ़ जाएगा. इसके बाद टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. हालांकि रिटायरमेंट के वक्त इसका फायदा मिलेगा. जानकारों का मानना है कि फिलहाल भारत एक युवा देश है इसीलिए अतिरिक्त श्रम के लिए भारत में उपयुक्त औसत आयु और माहौल है. अभी की जाने वाली बचत का असर आने वाले वर्षों में दिखेगा जब देश की औसत आयु में भी इज़ाफा होगा और वृद्धावस्था से जुड़ी समस्याएं आम होंगी.

बढ़ जाएगी रिटायरमेंट की राशि

वेतन की संरचना बढ़ने के बाद ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ जाएगा. जब पीएफ बढ़ेगा तो कंपनियों को भी अपने कर्मचारियों के पीएफ में ज्यादा योगदान देना होगा. इसके बाद लोगों को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि भी बढ़ जाएगी.

(PSU Watch– पीएसयू वॉच भारत से संचालित होने वाला  डिजिटल बिज़नेस न्यूज़ स्टेशन  है जो मुख्यतौर पर सार्वजनिक उद्यम, सरकार, ब्यूरॉक्रेसी, रक्षा-उत्पादन और लोक-नीति से जुड़े घटनाक्रम पर निगाह रखता है. टेलीग्राम पर हमारे चैनल से जुड़ने के लिए Join PSU Watch Channel पर क्लिक करें. ट्विटर पर फॉलो करने के लिए Twitter Click Here क्लिक करें)

logo
PSU Watch
psuwatch.com