डीज़ल चोरी पर एसईसीएल की सख्त निगरानी, डिजिटल तकनीक से संदिग्ध वाहन परिचालन की पहचान

एसईसीएल ने डीज़ल चोरी एवं परिचालन अनियमितताओं पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कंपनी ने अपने समस्त परिचालन क्षेत्रों में उन्नत डिजिटल निगरानी एवं सुरक्षा प्रणाली लागू की है
डीज़ल चोरी पर एसईसीएल की सख्त निगरानी, डिजिटल तकनीक से संदिग्ध वाहन परिचालन की पहचान
डीज़ल चोरी पर एसईसीएल की सख्त निगरानी, डिजिटल तकनीक से संदिग्ध वाहन परिचालन की पहचान
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बिलासपुर: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने डीज़ल चोरी एवं परिचालन अनियमितताओं पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कंपनी ने अपने समस्त परिचालन क्षेत्रों में उन्नत डिजिटल निगरानी एवं सुरक्षा प्रणाली लागू की है, जिससे डीज़ल चोरी कीघटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सके।

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SECL की सभी QRT (क्विक रिस्पांस टीम) के वाहनों में अत्याधुनिक GPS ट्रैकिंग सिस्टम स्थापित कर दिए गए हैं। इन वाहनों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग SECL मुख्यालय स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से की जा रही है। इससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या आपात स्थिति पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी और सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।

इसके साथ ही, SECL के सभी HEMMs (हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी) को उन्नत डिजिटल सेंसरों से लैस किया गया है। ये सेंसर मशीनों की लोकेशन, परिचालन अवधि, डीज़ल खपत एवं किसी भी असामान्य गतिविधि की सटीक जानकारी उपलब्ध कराते हैं। यह प्रणाली डीज़ल चोरी की प्रारंभिक पहचान में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही है तथा मशीनरी उपयोग को पूर्णतः पारदर्शी बनाती है।

सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से SECL अपने सभी खान क्षेत्रों में RFID आधारित बूम बैरियर्स भी स्थापित कर रहा है। इन बैरियर्स के माध्यम से केवल RFID टैग युक्त अधिकृत वाहन ही खदान परिसरों में प्रवेश कर सकेंगे। सभी वाहनों की प्रवेश-निकास जानकारी स्वतः डिजिटल रूप से रिकॉर्ड होगी, जिससे अनधिकृत आवाजाही पर प्रभावी रोक लगेगी।

इसके अतिरिक्त, SECL द्वारा चयनित कॉन्ट्रैक्चुअल वाहनों एवं LMV में भी GPS सिस्टम लगाया जा रहा है। इन वाहनों की मूवमेंट, लोकेशन, रुकने की अवधि एवं मार्ग का रीयल-टाइम ट्रैकिंग डेटा, ICCC में उपलब्ध CCTV फुटेज के साथ AI आधारित विश्लेषण प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। यह प्रणाली स्वतः ही असामान्य मूवमेंट, अनाधिकृत रुकावट, गलत मार्ग एवं संदिग्ध पैटर्न की पहचान करेगी, जिससे डीज़ल चोरी एवं गलत रिपोर्टिंग की संभावनाएँ नगण्य हो जाएँगी।

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GPS ट्रैकिंग, डिजिटल सेंसर, RFID बैरियर्स और AI आधारित एकीकृत निगरानी तंत्र के माध्यम से SECL का लक्ष्य डीज़ल चोरी को जड़ से समाप्त करना तथा अपने परिचालन तंत्र को पूर्णतः सुरक्षित, पारदर्शी एवं दक्ष बनाना है। इन पहलों के लागू होने से सुरक्षा, दक्षता और निगरानी—तीनों क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित होगा।

SECL प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि डीज़ल चोरी या किसी भी प्रकार की अनियमितता के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी एवं त्वरित कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी स्तर पर क्यों न हों।।

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