राष्ट्र हित में हड़ताल पर ना जाएं कोल इंडिया कर्मचारी : प्रल्हाद जोशी

2 जुलाई से शुरू हो रही कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों की हड़ताल को वापस लेने की अपील करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि अपने देश में पर्याप्त कोयला रहते हुए कोयले का आयात किसी पाप से कम नहीं है
राष्ट्र हित में हड़ताल पर ना जाएं कोल इंडिया कर्मचारी : प्रल्हाद जोशी
  • 2 जुलाई से 4 जुलाई तक हड़ताल की धमकी दी है कोल इंडिया श्रमिक संगठनों ने

  • हड़ताल में आरएसएस समर्थित बीएमएस यानी भारतीय मजदूर संघ भी है शामिल

New Delhi: (Coal sector News) केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों से अपील की है कि वे राष्ट्र हित में 2 जुलाई से 4 जुलाई तक प्रस्तावित अपनी हड़ताल वापस ले लें. बुधवार को कोल इंडिया के 04 केंद्रीय श्रमिक संगठनों बीएमएस, एचएमएस, एटक और सीटू के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आहूत बैठक में उन्होंने यह अपील की. उन्होंने कहा कि कमर्शियल माइनिंग के मामले में श्रमिक संगठनों की आशंकाएं निराधार हैं. साथ ही, उन्होंने देश को कोयले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों को सशक्त करने की अपील की. जोशी ने ये भी कहा कि एक ऐसे समय पर जब पूरा देश कोरोनावायरस से जूझ रहा है, कोल कर्मचारियों की हड़ताल और भी नाजायज़ है.

उन्होंने कोल इंडिया परिवार को आश्वस्त किया कि कमर्शियल माइनिंग से कोल इंडिया का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है. कोल इंडिया देश में कोयला उत्पादन की सबसे बड़ी कंपनी थी, है और रहेगी. हड़ताल से कोयला कामगारों का,कंपनी का और सबसे ऊपर देश का भारी नुकसान होगा.

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए राष्ट्र को बिजली चाहिए, जो पर्याप्त कोयले के बिना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया पर भारत को गर्व है, जो देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और अकेले देश का 80% से अधिक कोयला निकाल रही है. फिर भी देश को सालाना लगभग 250 मिलियन कोयले का आयात करना पड़ता है. अपने देश में पर्याप्त कोयला रहते हुए कोयले का आयात किसी पाप से कम नहीं है.

कोयले की इसी मांग एवं आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिएहाल ही में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में कोयले की कमर्शियल माइनिंग के लिए ऑक्शन की प्रक्रिया शुरू की गई है.

उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी देश चीन सालाना 3,500 मिलियन टन कोयला निकालकर अपने विकास को नई रफ्तार दे रहा है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला रिजर्व रखकर भी चीन आज सबसे बड़ा कोयला उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है. विकास की दौड़ में चीन को टक्कर देते हुए उससे आगे निकलने के लिए भी यह बेहद जरूरी है कि हम अपने देश में मौजूद विशाल कोयला भंडार का जल्द से जल्द दोहन करें.

कोल इंडिया पर भारत को गर्व है, जो देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और अकेले देश का 80% से अधिक कोयला निकाल रही है. फिर भी देश को सालाना लगभग 250 मिलियन कोयले का आयात करना पड़ता है. अपने देश में पर्याप्त कोयला रहते हुए कोयले का आयात किसी पाप से कम नहीं है- केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी

(PSU Watch– पीएसयू वॉच भारत से संचालित होने वाला  डिजिटल बिज़नेस न्यूज़ स्टेशन  है जो मुख्यतौर पर सार्वजनिक उद्यम, सरकार, ब्यूरॉक्रेसी, रक्षा-उत्पादन और लोक-नीति से जुड़े घटनाक्रम पर निगाह रखता है. टेलीग्राम पर हमारे चैनल से जुड़ने के लिए Join PSU Watch Channel पर क्लिक करें)

logo
PSU Watch
psuwatch.com