स्वामी विवेकानंद युग प्रवर्तक कहे जाते हैं. यानी ऐसा व्यक्तित्व जिसके पहले और बाद की दुनिया को दो हिस्सों में देखा जा सके. ना सिर्फ युवाओं को उन्होंने 'शक्ति ही जीवन है' का संदेश दिया बल्कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व को सही मायने में अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी और उन तमाम भ्रांतियों को भी दूर किया जिससे तात्कालिक विश्व इस देश और धर्म को लेकर ग्रसित था