वेस्टर्न कोलफील्ड्स ने बनाया लक्ष्य से अधिक उत्पादन का रिकॉर्ड

वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने ना सिर्फ वित्तीय वर्ष 2019-20 का 56 मिलियन टन कोल उत्पादन का लक्ष्य आसानी से हासिल किया बल्कि कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में भी 31 मार्च, 2020 को एक दिन में अब तक का सर्वाधिक कोयला-उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया
वेस्टर्न कोलफील्ड्स ने बनाया लक्ष्य से अधिक उत्पादन का रिकॉर्ड

नई दिल्ली: कोल इंडिया लिमिटेड की सब्सिडरी कम्पनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने 2019-20 का 56 मिलियन टन उत्पादन-लक्ष्य आसानी से पार कर लिया. मंगलवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने बताया कि कंपनी ने बीते वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य 56 मिलियन टन के मुकाबले 57.64 मिलियन टन उत्पादन दर्ज़ किया है. यही नहीं, कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में भी 31 मार्च, 2020 को एक दिन में अब तक का सर्वाधिक कोयला-उत्पादन किया है. वेकोलि ने 2019-20  देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद वेकोलि ने 8.4 % वृद्धि दर्ज़ की, जो कोल इंडिया की सभी सब्सिडरी कम्पनियों में सबसे ज्यादा है. अंग्रेजी में जिसे आइसिंग ऑन द केक कहते हैं, वो ये है कि 31 मार्च, 2020 को वेकोलि ने एक दिन में अब तक का सर्वाधिक उत्पादन 5.02 लाख टन किया, जो कि एक रिकॉर्ड है.

2014 से हर साल रिकॉर्ड वृद्धि 

कम्पनी 2013-14 से कोयला-उत्पादन में साल-दर-साल तेजी से वृद्धि दर्ज़ करती रही है. 2013-14 के दौरान वेकोलि ने 39.73 मिलियन टन कोयला-उत्पादन किया और पिछले 5-6 वर्षों में 20 नयी परियोजनाएं शुरू कर, 2019-20 में 57.64 मिलियन टन उत्पादन तक पहुंच सकी. हालांकि, इस अवधि के दौरान कोयला-भंडार की समाप्ति के कारण खदानों के बंद होने से कम्पनी को 22 मिलियन टन का नुकसान भी उठाना पड़ा. यहां आपको ये बता दें कि अगर तेजी से नयी खदानें नहीं खोली जातीं, तो कम्पनी का उत्पादन-स्तर गिर कर 17 मिलियन टन पर आ जाता. इन 20 खदानों ने 2019-20 के दौरान, 41.2 मिलियन टन का योगदान किया, जो कुल उत्पादन के 70 % से अधिक है. बेहद मुश्किल भूगर्भीय-खनन परिस्थितियों और ब्लैक कॉटन स्वायल की मौजूदगी के कारण, कोल इंडिया की सारी सब्सिडरी कम्पनियों में सबसे कठिन स्थिति वाली कम्पनी होने के बावजूद, टीम वेकोलि ने 2019-20 में 57.64 मिलियन टन के साथ उत्पादन-स्तर में वृद्धि सुनिश्चित की.

2024 तक 75 मिलियन टन का लक्ष्य

"साल 2020-21 के लिए वेकोलि को 62 मिलियन टन कोयला-उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है. सीआईएल ने 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला-उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. वेकोलि इस लक्ष्य में 75 मिलियन टन से अधिक का योगदान करेगी" कंपनी ने प्रेस रिलीज में कहा. अपने उत्पादन में वृद्धि के साथ मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत के उपभोक्ताओं को अधिक मात्रा में कोयला उपलब्ध करवाने में वेकोलि सफल रही है. वेकोलि से जुड़े उपभोक्ताओं; महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक के राज्य विद्युत् संयंत्रों तथा एनटीपीसी के पास आज की तारीख में 25 दिनों से अधिक का कोयला-भंडार उपलब्ध है. इसके पूर्व, ये उपभोक्ता पूर्वी भारत स्थित कम्पनियों से कोयला लेते थे, जिससे रेलवे-भाड़ा की वज़ह से उनकी लागत काफी बढ़ जाती थी. टीम वेकोलि ने तय किया है कि 1-2 वर्षों की समयावधि में ही इन उपभोक्ताओं की सम्पूर्ण आवश्यकता का कोयला उपलब्ध कराएगी. इससे इनके संयंत्रों तक कोयला ढुलाई की लागत कम होगी और इस मद में हुई बचत से ये विद्युत् संयंत्र अपने उपभोक्ताओं को कम दर पर बिजली उपलब्ध करवा सकेंगे.

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