राष्ट्रीय खबरें

क्या है एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और किसान कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ?

पीएम मोदी ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत किसानों के लिए करीब एक लाख करोड़ रुपए के फाइनेंस यानी वित्तपोषण की सुविधा की शुरुआत की है

पीएसयू वॉच हिंदी
  • वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल में की थी 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा

  • आर्थिक राहत पैकेज के तहत ही शुरु किया गया है एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड

  • पीएम मोदी ने की है एक लाख करोड़ रुपए के फाइनेंस यानी वित्तपोषण की सुविधा की शुरुआत

  • एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को ग्रामीण इलाके में खेती से जुड़े ढांचागत विकास में खर्च किया जाएगा

नई दिल्ली: (एग्रीकल्चर न्यूज) कोरोना वायरस के मद्देनजर सुस्त होती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल में विभिन्न सेक्टरों के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. इसी घोषणा में शामिल था एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का एलान. पीएम मोदी ने बीते रविवार को इसी फंड के तहत किसानों के लिए करीब एक लाख रुपए करोड़ की फाइनेंस सुविधा यानी वित्तपोषण की शुरूआत की. अब किसान भाई कैसे इस फंड का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं ये जानने के लिए कुछ बातें जाननी जरूरी हैं.

क्या है एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड

मोटी बात ये है कि देश में खेती से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट वगैरह के अभाव को देखते हुए इस फंड की शुरूआत की गयी है. इस फंड के तहत किसान भाईयों के लिए एक लाख करोड़ रुपए तक के ऋण की व्यवस्था की गयी है. इस योजना के तहत अलग-अलग प्रोजेक्ट के हिसाब से मध्यम-अवधि यानी मीडियम और लंबी-अवधि यानी लॉन्ग टर्म की फाइनेंस सुविधा यानी कि कर्ज मुहैया कराया जाएगा.

इस योजना में 3 फीसदी प्रति वर्ष की कर्जमाफी तथा दो करोड़ रुपये तक कर्ज के लिए सीजीटीएमएसई स्‍कीम के तहत लोन गारंटी कवरेज़ भी मिलेगी.

किस प्रोजेक्ट के लिए मिल सकता है फंड

मूल रूप से ये फंड कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट, परख केंद्र, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ई-प्लेटफॉर्म जैसी इकाइयों के निर्माण के लिए प्राप्त किया जा सकता है. मूल उद्देश्य है किसानों के लिए खेती से जुड़े ढांचे का विकास करना. फसल के उत्पादन के बाद यदि बेहतर ढांचागत सुविधा हो तो किसानों को उपज का मूल्य भी ज्यादा मिलेगा और इससे अनाज की बर्बादी में भी कमी आएगी.

कैसे मिलेगा ये फंड

प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमी समेत बैंक और वित्तीय संस्थाओं, प्राथमिक कृषि कर्ज सोसाइटियों (PACS), किसानों, मार्केटिंग सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), स्वयं सहायता समूहों (SHG), संयुक्‍त जवाबदेही समूह (JLG), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि से जुड़े स्‍टार्ट-अप्‍स और केन्‍द्रीय/राज्‍य एजेंसियों या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्‍थानीय निकायों को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत वित्तपोषण मुहैया कराया जाएगा. इस फंड की मॉनिटरिंग एक ऑनलाइन मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम के जरिए की जाएगी. इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए ही फंड के लिए आवेदन किया जा सकेगा साथ ही एमआईएस के ज़रिए ही राष्ट्रीय, राज्य और जिले के स्तर पर दिए गए फंड की मॉनिटरिंग होगी ताकि किसी भी फ्रॉड से बचा जा सके और सुपात्र किसान ही इसका लाभ उठा सकें

इस फंड की अवधि दस साल यानी 2020 से 2029 तक के लिए होगी. इसके तहत पहले साल यानी 2020-21 में 10,000 करोड़ रुपये और उसके बाद हर तीन साल में 30-30 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे. इस तरह दस साल साल में पूरे एक लाख करोड़ रुपये के लोन का वितरण हो जाएगा.

(PSU Watch– पीएसयू वॉच भारत से संचालित होने वाला  डिजिटल बिज़नेस न्यूज़ स्टेशन  है जो मुख्यतौर पर सार्वजनिक उद्यम, सरकार, ब्यूरॉक्रेसी, रक्षा-उत्पादन और लोक-नीति से जुड़े घटनाक्रम पर निगाह रखता है. टेलीग्राम पर हमारे चैनल से जुड़ने के लिए Join PSU Watch Channel पर क्लिक करें)

ACC approves extension of additional charge as CMD of MTNL to A Robert J Ravi

NTPC Green Energy signs MoU with BSPGCL for renewable energy and battery storage projects

N.B.S. Rajput (IAS) appointed as Principal Secretary of Public Enterprises Department, Odisha

BPCL weighs legal options as Rs 1-crore environmental fine lingers for over a year

Free trade pact opens up $122 bn British Govt's procurement market for Indian compaines: Commerce Secretary