पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 (GMIS 2023) के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया पीएसयू वॉच
हिन्दी न्यूज़

भारत का ये कदम कर सकता है दुनिया भर की maritime industry का कायाकल्पः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा है कि प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर ऐतिहासिक जी20 सर्वसम्मति के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जैसे अतीत के सिल्क रूट ने कई देशों की अर्थव्यवस्था बदल दी, वैसे ही यह गलियारा भी वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा

पीएसयू वॉच हिंदी

मुंबईः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुंबई में मंगलवार को ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 (GMIS 2023) के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने 'अमृत काल विजन 2047' का भी अनावरण किया जो भारतीय समुद्री क्षेत्र के लिए नीली अर्थव्यवस्था का ब्लूप्रिंट है. प्रधानमंत्री ने 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी. ये परियोजनाएं भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए 'अमृत काल विजन 2047' से जुड़ी हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट GMIS 2023 को एक एतिहासिक अवसर बताया. उन्होंने 2021 में शिखर सम्मेलन को याद करते हुए कहा कि कैसे उस वक्त पूरी दुनिया कोविड महामारी की अनिश्चितताओं से जूझ रही थी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है. बदलती विश्व व्यवस्था में प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर कहा कि दुनिया नई उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है.

उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट से जूझ रही दुनिया में भी भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है और वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा. वैश्विक व्यापार में समुद्री मार्गों की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कोरोना के बाद की आज की दुनिया में एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत की समुद्री क्षमताओं से हमेशा दुनिया को फायदा हुआ है. प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उठाए गए व्यवस्थित कदमों को सूचीबद्ध किया. उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर ऐतिहासिक जी20 सर्वसम्मति के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि जैसे अतीत के सिल्क रूट ने कई देशों की अर्थव्यवस्था बदल दी, वैसे ही यह गलियारा भी वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा. उन्होंने कहा कि इसके तहत अगली पीढ़ी के बड़े बंदरगाह, इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट, द्वीप विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग और मल्टी-मॉडल हब जैसे कार्य किए जाएंगे.

जिससे व्यावसायिक लागत और पर्यावरण को क्रमिक नुकसान में कमी आएगी और इससे लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा तथा रोजगार सृजित होंगें. प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि निवेशकों के पास इस अभियान का हिस्सा बनने और भारत से जुड़ने का एक शानदार अवसर है.

प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि आज का भारत अगले 25 वर्षों में एक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प को पूरा करने के लिए काम कर रहा है और सरकार हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है, और बड़े जहाजों के लिए जहाज पर से माल उतारने और लादने का समय 2014 में 42 घंटे की तुलना में अब 24 घंटे से भी कम हो गया है. उन्होंने बंदरगाह से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नई सड़कों के निर्माण का भी उल्लेख किया और तटीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सागरमाला परियोजना की चर्चा की. उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से रोजगार के अवसर और जीवन की सुगमता कई गुना बढ़ रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का 'समृद्धि के लिए बंदरगाह और प्रगति के लिए बंदरगाह' का विज़न जमीनी स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. उन्होंने कहा कि 'उत्पादकता के लिए बंदरगाह' के मंत्र को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. पीएम मोदी ने बताया कि सरकार लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक कुशल और प्रभावी बनाकर आर्थिक उत्पादकता बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि भारत में तटीय शिपिंग मोड का भी आधुनिकीकरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले दशक में तटीय कार्गो यातायात दोगुना हो गया है, जिससे लोगों को लागत प्रभावी लॉजिस्टिक विकल्प मिल रहा है. भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास के संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्गों की कार्गो हैंडलिंग में चार गुना वृद्धि हुई है. उन्होंने पिछले 9 साल में लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत के सुधार का भी जिक्र किया.

प्रधानमंत्री ने जहाज निर्माण और मरम्मत क्षेत्र में सरकार के फोकस के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत भारत की क्षमता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारत अगले दशक में शीर्ष पांच जहाज निर्माण देशों में से एक बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा मंत्र 'मेक इन इंडिया - मेक फॉर द वर्ल्ड' है. उन्होंने बताया कि सरकार समुद्री समूहों के माध्यम से इस क्षेत्र के सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए काम कर रही है. कई स्थानों पर जहाज निर्माण एवं मरम्मत केन्द्र विकसित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि जहाज रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में भारत पहले से ही दूसरे स्थान पर है (पहले स्थान पर बांग्लादेश है). उन्होंने इस क्षेत्र के लिए नेट-जीरो रणनीति के जरिए भारत के प्रमुख बंदरगाहों को कार्बन-मुक्‍त बनाने के प्रयास के बारे में भी जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि ''हम ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां हरित धरती का माध्यम नीली अर्थव्यवस्था होगी''.

प्रधानमंत्री ने बताया कि समुद्री क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों को देश में प्रवेश करने के लिए भारत में काम चल रहा है. उन्होंने अहमदाबाद में गिफ्ट (जीआईएफटी) सिटी का उल्लेख किया जिसने एक ही समय में छूट की पेशकश करते हुए एक वित्तीय सेवा के रूप में जहाज पट्टे की शुरुआत की है. पीएम मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दुनिया की 4 वैश्विक जहाज पट्टे देने वाली कंपनियों ने भी गिफ्ट आईएफएससी के साथ पंजीकरण कराया है. उन्होंने इस शिखर सम्मेलन में उपस्थित अन्य जहाज पट्टे देने वाली कंपनियों से भी गिफ्ट आईएफएससी में शामिल होने का आह्वान किया.

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के निवेशकों को भारत आने और इसके विकास पथ में शामिल होने के लिए खुला निमंत्रण दिया.

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के अलावा जहाजरानी के दोनों राज्यमंत्री श्रीपद यशो नाइक और शांतनु ठाकुर के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री , गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत के अलावा देश-विदेश से आए अनेक मंत्री और गणमान्य अतिथी मौजूद थे.

(PSU Watch– पीएसयू वॉच भारत से संचालित होने वाला  डिजिटल बिज़नेस न्यूज़ स्टेशन  है जो मुख्यतौर पर सार्वजनिक उद्यम, सरकार, ब्यूरॉक्रेसी, रक्षा-उत्पादन और लोक-नीति से जुड़े घटनाक्रम पर निगाह रखता है. टेलीग्राम पर हमारे चैनल से जुड़ने के लिए Join PSU Watch Channel पर क्लिक करें. ट्विटर पर फॉलो करने के लिए Twitter Click Here क्लिक करें)

Force Majeure Lifted, ONGC Videsh Sees Mozambique LNG Project Back on Track

Three officers appointed as Deputy Secretaries in Defence Ministry

Retail inflation in October touches record low of 0.25% on GST cuts

MSTC Q2 net profit grows over 12% to Rs 47.49 crore

Cabinet approves rationalisation of royalty to boost output of critical minerals